FD Investment Rule : आजकल निवेश के कई ऑप्शन मौजूद हैं, लेकिन फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) अभी भी बहुत से लोगों का फेवरेट इन्वेस्टमेंट ऑप्शन बना हुआ है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि इसमें गारंटीड रिटर्न मिलता है और लोगों को लगता है कि उनका पैसा 100% सेफ रहता है। लेकिन क्या सच में ऐसा है?
बैंकों के कुछ ऐसे रूल्स होते हैं, जो आमतौर पर FD निवेशकों को नहीं बताए जाते। अगर आप भी FD में पैसा लगाने की सोच रहे हैं, तो पहले इन 5 जरूरी बातों को जरूर जान लें।
1. क्या FD में पैसा पूरी तरह सुरक्षित होता है?
FD को सेफ इन्वेस्टमेंट माना जाता है, लेकिन अगर बैंक डिफॉल्टर हो जाए तो क्या होगा? बहुत से लोग इस बात से अनजान होते हैं कि बैंक के डिफॉल्ट करने की स्थिति में डीआईसीजीसी (DICGC – Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) सिर्फ 5 लाख रुपये तक की ही गारंटी देता है।
इस 5 लाख रुपये में आपकी FD के साथ-साथ सेविंग अकाउंट, करंट अकाउंट और RD में जमा पैसे भी शामिल होते हैं। यानी अगर आपके कुल बैंक डिपॉजिट 5 लाख रुपये से ज्यादा हैं, तो बाकी पैसे डूब सकते हैं। इसलिए FD में बहुत बड़ी रकम डालने से पहले इस बात का ध्यान जरूर रखें।
2. FD के ब्याज पर टैक्स भी लगता है
अगर आपको लगता है कि FD से मिलने वाले ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगता, तो यह पूरी तरह सही नहीं है। FD के ब्याज पर इनकम टैक्स देना पड़ता है। अगर आपकी कुल आय टैक्स के दायरे में आती है, तो आपको FD के ब्याज पर भी टैक्स भरना होगा।
अगर आपका सालाना ब्याज 40,000 रुपये (वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50,000 रुपये) से ज्यादा हो जाता है, तो बैंक पहले ही TDS काट लेता है। हालांकि, अगर आप कम टैक्स स्लैब में आते हैं, तो फॉर्म 15G/15H भरकर टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं।
3. FD के ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव आपको नुकसान पहुंचा सकता है
जब आप FD करवाते हैं, तो उस वक्त जो ब्याज दर फिक्स होती है, वही पूरी अवधि तक मिलती है। लेकिन अगर कुछ समय बाद बैंक FD की ब्याज दर बढ़ा दे, तो आपको उसका कोई फायदा नहीं होगा। इसका मतलब यह हुआ कि अगर आपने लॉन्ग टर्म FD करवाई और बाद में ब्याज दर बढ़ गई, तो आपको नुकसान हो सकता है।
इसलिए FD में बहुत लंबे समय तक पैसा डालने से पहले सोच-समझकर फैसला लें। अगर आपको लगता है कि भविष्य में ब्याज दरें बढ़ सकती हैं, तो शॉर्ट टर्म FD का ऑप्शन चुनें।
4. FD तोड़ने पर देना पड़ सकता है जुर्माना
FD की खासियत यह होती है कि यह एक फिक्स्ड पीरियड के लिए होती है। लेकिन अगर आपको इमरजेंसी में पैसों की जरूरत पड़ गई और आप मीड टर्म में FD तोड़ते हैं, तो बैंक आपसे पेनाल्टी चार्ज कर सकता है।
हर बैंक का पेनाल्टी चार्ज अलग-अलग होता है। कुछ बैंक ब्याज दर में 0.5% से 1% तक की कटौती कर देते हैं, तो कुछ बैंक एक तय राशि काटते हैं। इसलिए FD करने से पहले यह जरूर चेक करें कि बीच में तोड़ने पर कितना चार्ज देना पड़ेगा।
5. सिर्फ FD पर निर्भर न रहें, दूसरे ऑप्शन भी देखें
FD एक सुरक्षित इन्वेस्टमेंट ऑप्शन जरूर है, लेकिन मार्केट में और भी बेहतर रिटर्न देने वाले ऑप्शंस मौजूद हैं।
- म्यूचुअल फंड: अगर आप थोड़ा रिस्क लेने के लिए तैयार हैं, तो म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। इसमें 12-20% तक सालाना रिटर्न मिलने की संभावना रहती है।
- PPF (पब्लिक प्रोविडेंट फंड): अगर आप लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट चाहते हैं और टैक्स बचाना चाहते हैं, तो PPF एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है।
- पोस्ट ऑफिस स्कीम्स: पोस्ट ऑफिस की कई सेविंग स्कीम्स भी अच्छी ब्याज दर देती हैं और सेफ इन्वेस्टमेंट ऑप्शन होती हैं।
FD में निवेश करने से पहले सिर्फ यह मत सोचिए कि पैसा पूरी तरह सुरक्षित है। बैंक डिफॉल्ट होने पर, टैक्स डिडक्शन, ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव, और प्री-मैच्योर विड्रॉल पर पेनाल्टी जैसी चीजों को भी ध्यान में रखें।
अगर आप सही प्लानिंग करके निवेश करेंगे, तो आपको अच्छा रिटर्न भी मिलेगा और किसी भी तरह के नुकसान से भी बच सकेंगे।