Property Registration Rules : अगर आप प्रॉपर्टी खरीदने की सोच रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है! मार्च 2025 से सरकार ने प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन से जुड़े कई नए नियम लागू कर दिए हैं। ये बदलाव इसे ज्यादा पारदर्शी, सुरक्षित और डिजिटल बनाने के लिए किए गए हैं। अब आपको लंबी लाइनों में लगने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि घर बैठे ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे।
अब सबकुछ डिजिटल – पेपरलेस रजिस्ट्रेशन
पहले जहां प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे, वहीं अब यह प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल हो गई है। सरकार ने एक विशेष ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया है, जहां आप अपने जरूरी दस्तावेज अपलोड कर सकते हैं और अपनी प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।
कैसे काम करेगा डिजिटल रजिस्ट्रेशन?
- ऑनलाइन पोर्टल पर जरूरी कागजात अपलोड करें।
- आपको एक यूनिक आईडी मिलेगी जिससे आप अपने रजिस्ट्रेशन की स्थिति ट्रैक कर सकते हैं।
- सबकुछ डिजिटल होने से न सिर्फ आपका समय बचेगा, बल्कि दलालों और धोखाधड़ी से भी बचाव होगा।
आधार कार्ड हुआ अनिवार्य
अब से प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है। इससे फर्जीवाड़ा कम होगा और बेनामी संपत्तियों पर रोक लगेगी।
- बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन: अब खरीदार और विक्रेता, दोनों का आधार से लिंक्ड बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन अनिवार्य होगा। यानी उंगली के निशान और आई स्कैन से यह पक्का किया जाएगा कि जो लोग सौदा कर रहे हैं, वही असली मालिक हैं।
- फर्जी दस्तावेजों पर सख्ती: अगर कोई नकली कागजों से रजिस्ट्रेशन कराने की कोशिश करता है, तो उसका आवेदन तुरंत रद्द कर दिया जाएगा और कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।
रजिस्ट्रेशन में वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य
सरकार ने प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन को और पारदर्शी बनाने के लिए वीडियो रिकॉर्डिंग को जरूरी कर दिया है।
- रजिस्ट्रेशन के दौरान एक वीडियो रिकॉर्ड होगा, जिससे यह साबित किया जा सके कि सौदा दोनों पक्षों की सहमति से हुआ है।
- भविष्य में अगर कोई विवाद होता है, तो यह वीडियो सबूत के रूप में काम आएगा।
- यह उन मामलों में बहुत मददगार होगा जहां मालिकाना हक को लेकर कानूनी झगड़े हो सकते हैं।
ई-स्टांपिंग: अब स्टांप पेपर की झंझट खत्म
अब पारंपरिक स्टांप पेपर की जगह ई-स्टांपिंग को लागू कर दिया गया है।
- स्टांप ड्यूटी का भुगतान अब ऑनलाइन होगा और एक यूनिक ई-स्टांप सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा।
- इससे नकली स्टांप पेपरों के चलन पर रोक लगेगी और पूरी प्रक्रिया अधिक पारदर्शी हो जाएगी।
- ई-स्टांप को आसानी से ऑनलाइन वेरीफाई किया जा सकता है, जिससे धोखाधड़ी की संभावना खत्म हो जाएगी।
विवादित संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा
अब अगर किसी संपत्ति पर कोई कानूनी विवाद चल रहा है, तो उसका रजिस्ट्रेशन नहीं होगा। सरकार ने इसके लिए एक केंद्रीकृत डेटाबेस तैयार किया है, जिसमें सभी विवादित संपत्तियों का रिकॉर्ड मौजूद होगा।
- अगर आप कोई प्रॉपर्टी खरीदने जा रहे हैं, तो पहले सरकार के पोर्टल पर जाकर यह चेक कर सकते हैं कि उस पर कोई कानूनी विवाद तो नहीं है।
- यह नियम खरीदारों को भविष्य में होने वाली कानूनी परेशानियों से बचाने के लिए लागू किया गया है।
प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी दस्तावेज
नए नियमों के तहत, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेज देने होंगे:
- मूल स्वामित्व प्रमाण पत्र: यह दस्तावेज यह साबित करेगा कि संपत्ति के असली मालिक आप ही हैं।
- खरीद-बिक्री समझौता: खरीदार और विक्रेता के बीच हुए समझौते की कॉपी।
- प्रॉपर्टी टैक्स रसीदें: पिछले पांच सालों के टैक्स की रसीदें जमा करनी होंगी।
- पहचान प्रमाण: आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि जरूरी होंगे।
- बायोमेट्रिक डेटा: आपकी ताजा फोटो, फिंगरप्रिंट और आईरिस स्कैन जरूरी होंगे।
प्रॉपर्टी खरीदने से पहले ध्यान रखने वाली बातें
अगर आप नई प्रॉपर्टी खरीदने की सोच रहे हैं, तो इन बातों का खास ध्यान रखें:
- सभी दस्तावेजों की जांच करें – कोई भी संपत्ति खरीदने से पहले उसके सारे कागजात की अच्छी तरह से जांच कर लें।
- ऑनलाइन पोर्टल पर प्रॉपर्टी का इतिहास देखें – अब आप सरकार के डिजिटल डेटाबेस पर जाकर देख सकते हैं कि प्रॉपर्टी का मालिकाना हक सही है या नहीं।
- कानूनी सलाह लें – किसी अच्छे वकील से परामर्श जरूर लें ताकि कोई लीगल पेंच न फंसे।
- बैंक लोन की प्रक्रिया समझें – अगर लोन लेकर प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं, तो बैंक से सभी दस्तावेजों की जांच करवा लें।
नए नियमों के फायदे
- रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया हुई आसान और तेज – अब महीनों की जगह कुछ ही दिनों में रजिस्ट्रेशन पूरा हो जाएगा।
- धोखाधड़ी पर रोक – आधार लिंकिंग, बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन और वीडियो रिकॉर्डिंग से फर्जीवाड़े की संभावना खत्म हो गई है।
- संपत्तियों का डिजिटल रिकॉर्ड – सभी प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन अब सरकार के केंद्रीकृत डेटाबेस में सेव होंगे, जिससे भविष्य में बेनामी संपत्तियों और टैक्स चोरी पर भी लगाम लगेगी।
मार्च 2025 से लागू हुए ये नए नियम प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन को पूरी तरह से आधुनिक और डिजिटल बना रहे हैं। इससे खरीदारों को न केवल सुरक्षा मिलेगी, बल्कि पूरी प्रक्रिया भी आसान हो जाएगी। अगर आप प्रॉपर्टी खरीदने की सोच रहे हैं, तो इन नियमों को ध्यान में रखकर ही आगे बढ़ें। सही जानकारी और सतर्कता से आप एक सुरक्षित और बेहतर सौदा कर सकते हैं।