Bank FD Scheme : बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) करवाना हमारे देश में एक बहुत ही आम निवेश विकल्प है। इसे लोग सुरक्षित मानते हैं क्योंकि इसमें पैसा डूबने का खतरा नहीं होता और ब्याज भी मिलता है। लेकिन क्या आपने कभी इसके नुकसान पर गौर किया है? अगर नहीं, तो चलिए आज हम आपको FD के तीन बड़े नुकसान बताते हैं, ताकि आप अपने पैसे को सोच-समझकर निवेश कर सकें।
FD करने से पहले फायदे-नुकसान समझना जरूरी है
जब भी हम पैसे निवेश करते हैं, तो सबसे पहले ये देखना चाहिए कि वो हमें कितना रिटर्न देगा और उसके साथ जुड़े जोखिम क्या हैं। FD में पैसा लगाना आसान लगता है, लेकिन इसके कुछ कमियां भी हैं, जिन पर ध्यान देना जरूरी है। खासकर अगर आप लंबी अवधि के लिए पैसा निवेश कर रहे हैं, तो आपको इसके बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए।
अब चलिए जानते हैं कि FD के तीन बड़े नुकसान कौन-कौन से हैं।
1. कम रिटर्न
FD का सबसे बड़ा नुकसान ये है कि इसमें मिलने वाला ब्याज बहुत कम होता है। आमतौर पर, बैंक 5% से 7% तक की ब्याज दर देते हैं, जो महंगाई के मुकाबले बहुत कम होती है। अगर आप स्टॉक्स, म्यूचुअल फंड या रियल एस्टेट में निवेश करें, तो वहां पर आपको इससे कहीं ज्यादा रिटर्न मिल सकता है।
समझिए कि आपने बैंक में ₹1,00,000 की FD करवाई और बैंक आपको 6% ब्याज दे रहा है। एक साल बाद आपको ₹6,000 ब्याज मिलेगा, लेकिन अगर महंगाई दर 7% है, तो असल में आपके पैसे की वैल्यू घट रही है। यानी FD में रखा पैसा धीरे-धीरे कम होता जा रहा है।
2. लॉक-इन पीरियड
FD का दूसरा बड़ा नुकसान ये है कि इसमें आपका पैसा एक निश्चित समय के लिए लॉक हो जाता है। अगर आपने 5 साल की FD करवाई है, तो इस दौरान आप उस पैसे को इस्तेमाल नहीं कर सकते। हां, जरूरत पड़ने पर आप FD तोड़ सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको बैंक को पेनल्टी देनी पड़ेगी। इससे आपको मिलने वाला ब्याज भी कम हो सकता है।
माल लीजिए कि आपको अचानक पैसों की जरूरत पड़ गई और आपकी FD अभी मैच्योर नहीं हुई है। ऐसे में अगर आप इसे तोड़ते हैं, तो बैंक आपसे पेनल्टी चार्ज करेगा और आपको कम ब्याज मिलेगा। यानी कि FD आपको फाइनेंशियल फ्रीडम नहीं देती, बल्कि आपके पैसे को बांधकर रखती है।
3. महंगाई का असर
महंगाई हर साल बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में अगर आपकी FD पर मिलने वाला ब्याज महंगाई दर से कम है, तो इसका मतलब ये है कि आपके पैसे की खरीदने की क्षमता धीरे-धीरे घट रही है।
उदाहरण के लिए, अगर आज ₹100 में 5 किलो चावल आते हैं और 10 साल बाद वही चावल ₹200 में मिलेगा, लेकिन आपकी FD पर मिलने वाला ब्याज अगर इतना न बढ़े तो? इसका मतलब है कि आपके पैसे की वैल्यू कम होती जा रही है। यही वजह है कि फिक्स्ड डिपॉजिट को महंगाई के मुकाबले एक कमजोर निवेश विकल्प माना जाता है।
FD में निवेश करने से पहले ये बातें जान लें
अगर आप FD में पैसा लगाने की सोच रहे हैं, तो इन जरूरी बातों का ध्यान जरूर रखें:
1. टैक्स की जिम्मेदारी
FD पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल होता है। यानी कि आपको इससे जो भी कमाई होगी, उस पर इनकम टैक्स देना पड़ेगा। अगर आपकी FD पर मिलने वाला ब्याज ₹40,000 से ज्यादा है, तो बैंक पहले ही उस पर TDS काट लेगा।
2. लिक्विडिटी की कमी
FD में पैसा डालने के बाद अगर आपको अचानक पैसों की जरूरत पड़ती है, तो आपको मुश्किल हो सकती है। अगर आप FD को समय से पहले तोड़ते हैं, तो आपको पेनल्टी देनी पड़ेगी और कम ब्याज मिलेगा।
3. कोई कैपिटल गेन्स नहीं
शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड में निवेश करने से आपको कैपिटल गेन्स का फायदा मिलता है, यानी कि आपके निवेश की वैल्यू बढ़ सकती है। लेकिन FD में ऐसा कुछ नहीं होता। आपको सिर्फ पहले से तय की गई ब्याज दर ही मिलेगी, चाहे मार्केट कितना भी अच्छा परफॉर्म करे।
4. बैंक के डूबने का खतरा
हालांकि FD को सुरक्षित निवेश माना जाता है, लेकिन बैंक के डूबने की स्थिति में आपका पूरा पैसा डूब सकता है। भारतीय सरकार की DICGC स्कीम के तहत सिर्फ ₹5 लाख तक की FD सुरक्षित रहती है। यानी अगर आपने ₹10 लाख की FD करवाई है और बैंक दिवालिया हो जाता है, तो आपको सिर्फ ₹5 लाख ही वापस मिलेंगे।
5. ब्याज दरें फिक्स होती हैं
जब आप FD खोलते हैं, तो उस समय की ब्याज दर आपके पूरे लॉक-इन पीरियड के लिए फिक्स हो जाती है। अगर भविष्य में ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो भी आपको ज्यादा ब्याज नहीं मिलेगा। यानी कि FD में फ्लेक्सिबिलिटी की कमी होती है।
फिक्स्ड डिपॉजिट एक सुरक्षित निवेश विकल्प हो सकता है, लेकिन इसमें कई कमियां भी हैं। अगर आपको अपने पैसे पर ज्यादा रिटर्न चाहिए और महंगाई से बचना है, तो आपको अन्य विकल्पों पर भी विचार करना चाहिए। FD में कम ब्याज, लॉक-इन पीरियड और महंगाई का असर इसे एक सीमित निवेश विकल्प बना देते हैं। इसलिए, FD में पैसा लगाने से पहले इसके फायदों और नुकसान को अच्छे से समझें और फिर निवेश का फैसला लें।