Home Loan EMI Rules : अगर आपने होम लोन लिया है और EMI भरने में दिक्कत आ रही है, तो ये जानना बेहद जरूरी है कि बैंक इस पर क्या एक्शन ले सकता है। कई बार ऐसी स्थिति आ सकती है जब किसी कारणवश आप EMI टाइम पर नहीं भर पाते। लेकिन लगातार EMI मिस होने पर आपको डिफॉल्टर घोषित किया जा सकता है और आपकी प्रॉपर्टी नीलाम भी हो सकती है। तो आइए जानते हैं बैंक के नियम और उसके कदमों के बारे में आसान भाषा में।
होम लोन और EMI भरने की जिम्मेदारी
होम लोन लेना आसान है, लेकिन इसे चुकाना एक बड़ी जिम्मेदारी होती है। लोन लेते समय हमें लगता है कि हम आराम से हर महीने EMI चुका देंगे, लेकिन कई बार ऐसा नहीं हो पाता। जॉब छूटने, आर्थिक परेशानी, मेडिकल इमरजेंसी या अन्य कारणों से अगर आपकी EMI मिस हो जाती है, तो बैंक इसे गंभीरता से लेता है।
EMI मिस होने पर बैंक क्या करता है
- पहली EMI मिस होने पर – अगर आपने पहली बार EMI नहीं भरी, तो बैंक इसे बहुत बड़ी समस्या नहीं मानता। वो आपको एक रिमाइंडर भेजेगा और आपको जल्द से जल्द पेमेंट करने के लिए कहेगा
- दो EMI मिस होने पर – अगर लगातार दो बार EMI नहीं भरी गई, तो बैंक आपको नोटिस भेजता है। इसमें आपको बताया जाता है कि आपका पेमेंट बकाया है और इसे तुरंत भरना जरूरी है
- तीसरी EMI मिस होने पर – अगर लगातार तीसरी बार भी EMI नहीं भरी गई, तो बैंक आपको लीगल नोटिस भेज सकता है। इस स्टेज पर बैंक कर्जदार को ‘डिफॉल्टर’ की कैटेगरी में रखना शुरू कर देता है
- 90 दिन बाद क्या होता है? – अगर 90 दिन तक कोई पेमेंट नहीं किया गया, तो बैंक आपके लोन अकाउंट को NPA (Non-Performing Asset) घोषित कर देता है। इसका मतलब है कि बैंक को लगने लगता है कि उसे यह पैसा वापस मिलने में दिक्कत हो सकती है।
लोन डिफॉल्ट की कैटेगरी
बैंक NPA घोषित करने के बाद आपके लोन को तीन स्टेज में रखता है:
- सबस्टैंडर्ड असेट्स (Substandard Assets) – लोन अकाउंट एक साल तक इस कैटेगरी में रहता है
- डाउटफुल असेट्स (Doubtful Assets) – एक साल के बाद भी लोन न चुकाने पर इसे डाउटफुल मान लिया जाता है
- लॉस असेट्स (Loss Assets) – जब बैंक को लगता है कि इस लोन की भरपाई नहीं हो सकती, तो इसे लॉस असेट्स में डाल दिया जाता है। इस स्थिति में बैंक लोन वसूलने के लिए कर्जदार की प्रॉपर्टी को नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है।
क्या बैंक तुरंत नीलामी कर सकता है
नहीं, बैंक सीधे आपकी प्रॉपर्टी नीलाम नहीं करता। लोन अकाउंट को NPA घोषित करने के बाद भी बैंक कर्जदार को कई मौके देता है।
- पहला नोटिस – बैंक पहले एक नोटिस भेजता है, जिसमें आपको बकाया राशि चुकाने के लिए कहा जाता है
- समझौते की कोशिश – बैंक लोन रीस्ट्रक्चरिंग या सेटलमेंट का ऑफर दे सकता है, जिससे आप अपनी किस्तों को फिर से निर्धारित कर सकते हैं
- नीलामी की प्रक्रिया – अगर इन सबके बावजूद पेमेंट नहीं किया गया, तो बैंक आपकी प्रॉपर्टी की नीलामी करने के लिए एक पब्लिक नोटिस जारी करता है।
नीलामी से पहले बैंक क्या करता है
बैंक को नीलामी से पहले एक पब्लिक नोटिस जारी करना जरूरी होता है। इस नोटिस में निम्नलिखित जानकारी दी जाती है:
- संपत्ति का उचित मूल्य (Fair Market Value)
- रिजर्व प्राइस (Reserve Price)
- नीलामी की तारीख और समय
अगर आपको लगता है कि आपकी प्रॉपर्टी का मूल्य कम आंका गया है, तो आप इसे चुनौती भी दे सकते हैं।
नीलामी रोकने के उपाय
अगर आपकी प्रॉपर्टी नीलामी के कगार पर है, तो इसे रोकने के कुछ तरीके हो सकते हैं:
- बैंक से बातचीत करें – बैंक से लोन पुनर्गठन (Loan Restructuring) की बात करें
- बकाया EMI भरें – अगर संभव हो, तो तुरंत बकाया राशि जमा करें
- किसी और बैंक से लोन लें – अगर एक बैंक से लोन चुकाना मुश्किल हो रहा है, तो किसी अन्य बैंक से लोन ट्रांसफर की कोशिश करें
- न्यायालय में चुनौती दें – अगर आपको लगे कि बैंक ने गलत तरीके से प्रक्रिया अपनाई है, तो आप इसे कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं।
होम लोन लेना जितना आसान लगता है, उसे समय पर चुकाना उतना ही जरूरी होता है। अगर आप लगातार EMI नहीं भरते हैं, तो बैंक आपको डिफॉल्टर घोषित कर सकता है और आपकी प्रॉपर्टी को नीलाम कर सकता है। हालांकि, बैंक हर कदम पर आपको मौका देता है कि आप अपना बकाया चुकाकर नीलामी से बच सकें। इसलिए, अगर आप किसी वित्तीय संकट से गुजर रहे हैं, तो बैंक से खुलकर बातचीत करें और सही समाधान निकालें।