Dearness Allowance – केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक बार फिर से पुराना मुद्दा गर्मा गया है। बात हो रही है 18 महीने के बकाया महंगाई भत्ते (DA Arrears) की, जो कोरोना काल के दौरान रोक दिया गया था। लंबे समय से कर्मचारी इस बकाया डीए की मांग कर रहे थे, और अब इस पर सरकार का रुख साफ हो गया है। तो क्या सरकार पैसा देगी या फिर कर्मचारी सिर्फ उम्मीद ही लगाए बैठे रहेंगे? आइए जानते हैं पूरा मामला।
क्यों रोका गया था DA?
हर साल सरकार जनवरी और जुलाई में केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (DA) बढ़ाती है। लेकिन 2020 में जब कोरोना महामारी आई, तो सरकार ने DA बढ़ाने की जगह उसे रोक दिया। जनवरी 2020 से जून 2021 तक तीन बार DA नहीं दिया गया, जिससे कुल 18 महीने का बकाया बन गया। सरकार का कहना था कि देश की आर्थिक स्थिति उस वक्त इतनी मजबूत नहीं थी कि यह राशि जारी की जा सके।
कर्मचारी लगातार कर रहे थे मांग
सरकारी कर्मचारी संगठनों ने इस मुद्दे को कई बार उठाया। कंफेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लॉयीज एंड वर्कर्स लगातार कहता आ रहा है कि यह पैसा कर्मचारियों का हक है और इसे जल्द जारी किया जाए। 7 मार्च 2025 को कंफेडरेशन ने एक नया सर्कुलर जारी कर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की। इसमें कहा गया कि सरकार को कर्मचारियों की मांग को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
कर्मचारियों की प्रमुख मांगें क्या हैं?
- बकाया DA का भुगतान – कोरोना के दौरान रोके गए 18 महीने के DA का एरियर सहित भुगतान किया जाए।
- पुरानी पेंशन योजना लागू हो – NPS को खत्म कर OPS (Old Pension Scheme) वापस लाई जाए।
- पेंशन की कटौती कम हो – पेंशन से काटी जाने वाली राशि 15 साल से घटाकर 12 साल की जाए।
- नौकरी के नियम आसान हों – कंपैशनेट अपॉइंटमेंट (अनुकंपा के आधार पर नौकरी) की 5% की सीमा हटाई जाए।
- सरकारी पदों को भरा जाए – खाली सरकारी पदों को जल्द से जल्द भरा जाए ताकि कर्मचारियों पर काम का बोझ न बढ़े।
- निजीकरण और आउटसोर्सिंग बंद हो – सरकारी नौकरियों को प्राइवेट सेक्टर में देने की नीति खत्म हो।
क्या सरकार देगी 18 महीने का बकाया DA?
अब सवाल यह है कि क्या सरकार इस पैसे का भुगतान करेगी? सरकार का जवाब फिलहाल ‘ना’ में है। सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि कोरोना के दौरान रोका गया DA अब नहीं दिया जाएगा।
सरकार का कहना है कि उस समय देश की अर्थव्यवस्था संकट में थी, इसलिए यह फैसला लेना पड़ा। अब जब हालात बेहतर हो गए हैं, तो भी सरकार इस राशि को जारी करने के मूड में नहीं दिख रही। हालांकि, कर्मचारी संगठन अभी भी संघर्ष जारी रखने का दावा कर रहे हैं और सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
अब आगे क्या होगा?
सरकार अपने फैसले पर अडिग नजर आ रही है, लेकिन कर्मचारी संगठन भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। अगर सरकार अपने फैसले पर फिर से विचार करती है, तो हो सकता है कि कर्मचारियों को राहत मिले। लेकिन अभी के हालात को देखते हुए, 18 महीने का बकाया DA मिलना मुश्किल ही लग रहा है।
अब देखना यह होगा कि आगे सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है और कर्मचारी संगठन इसे लेकर क्या रणनीति अपनाते हैं। फिलहाल कर्मचारियों को सिर्फ इंतजार ही करना होगा।