OLD Pension Scheme : पुरानी पेंशन योजना (OPS) को लेकर रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए एक राहत भरी खबर आई है। अब पेंशन मिलने में देरी नहीं होगी क्योंकि केंद्रीय पेंशन अकाउंटिंग ऑफिस (CPAO) ने इसको लेकर नई गाइडलाइन जारी कर दी है। इसमें अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत पेंशन मामलों को पुरानी पेंशन योजना की तरह ही प्रोसेस किया जाए। इसका मतलब यह है कि अब रिटायर्ड कर्मचारियों को उनकी पेंशन सही समय पर मिलेगी और इसमें देरी की समस्या खत्म होगी।
अब पेंशन में देरी नहीं होगी
अभी तक पेंशन मिलने में कई तरह की दिक्कतें आती थीं। कई बार रिटायर्ड कर्मचारियों को महीनों तक अपनी पेंशन का इंतजार करना पड़ता था। लेकिन अब CPAO ने इस समस्या को गंभीरता से लिया है और पेंशन वितरण प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाने के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी है। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी रिटायर्ड कर्मचारी को समय पर और बिना किसी अड़चन के पेंशन मिले।
CPAO ने यह भी साफ किया है कि नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) से जुड़े पेंशन मामलों को भी पुरानी पेंशन योजना की तरह ट्रीट किया जाए। यह निर्देश पहले भी 18 दिसंबर 2023 को दिया गया था, लेकिन अब इसे दोबारा दोहराया गया है ताकि अधिकारी इसे सही तरीके से लागू करें।
पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग जारी
कर्मचारी संगठनों की ओर से पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग लंबे समय से की जा रही है। कर्मचारियों का कहना है कि OPS उनके लिए ज्यादा फायदेमंद थी, क्योंकि इसमें सरकार उनकी पेंशन की गारंटी देती थी। OPS के तहत रिटायरमेंट के बाद एक तय मासिक पेंशन मिलती थी, जो कर्मचारी के अंतिम वेतन का एक निश्चित प्रतिशत होती थी। इस वजह से रिटायरमेंट के बाद उनकी आर्थिक स्थिति सुरक्षित रहती थी।
NPS बनाम OPS – कौन सी योजना बेहतर
अगर नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) की बात करें, तो यह एक अंशदान आधारित योजना है। इसमें कर्मचारी और सरकार दोनों एक निश्चित रकम निवेश करते हैं, लेकिन इसमें मिलने वाली पेंशन पूरी तरह से बाजार की स्थिति पर निर्भर करती है। यानी कि रिटायरमेंट के बाद पेंशन की राशि तय नहीं होती और इसमें जोखिम भी बना रहता है। यही वजह है कि कर्मचारी NPS के बजाय पुरानी पेंशन योजना की मांग कर रहे हैं, ताकि रिटायरमेंट के बाद उनकी आमदनी सुनिश्चित हो सके।
OPS और NPS के बीच मुख्य अंतर इस प्रकार है:
- OPS – इसमें सरकार पेंशन की गारंटी देती थी और कर्मचारी को एक तय मासिक पेंशन मिलती थी।
- NPS – इसमें पेंशन बाजार की स्थिति पर निर्भर करती है और राशि पहले से तय नहीं होती।
सरकार का क्या है रुख
पुरानी पेंशन योजना की बहाली को लेकर अभी तक सरकार की तरफ से कोई ठोस ऐलान नहीं किया गया है। हालांकि, कई राज्यों ने OPS को वापस लागू करने की पहल की है। इसी वजह से केंद्र सरकार पर भी दबाव बढ़ रहा है कि वह इस मामले में कोई बड़ा फैसला ले।
फिलहाल, सरकार की ओर से कोई स्पष्ट घोषणा नहीं हुई है, लेकिन कर्मचारी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग कर रहे हैं। जब तक सरकार इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाती, तब तक यह मुद्दा चर्चा में बना रहेगा।
नई गाइडलाइन से कर्मचारियों को राहत
हालांकि OPS की बहाली को लेकर स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन CPAO की नई गाइडलाइन से कर्मचारियों को थोड़ी राहत जरूर मिलेगी। इससे पेंशन वितरण प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि रिटायर्ड कर्मचारियों को उनकी पेंशन समय पर मिले।
अब देखना यह होगा कि आने वाले समय में सरकार पुरानी पेंशन योजना की बहाली को लेकर क्या फैसला लेती है। फिलहाल, कर्मचारी संगठनों की तरफ से आंदोलन जारी है और यह तब तक चलता रहेगा जब तक सरकार इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाती।