Home Loan EMI : जब भी होम लोन लेने की बात आती है, तो यह एक बड़ा फैसला होता है। हर महीने की ईएमआई (EMI) आपकी जेब पर भारी पड़ सकती है, लेकिन अगर थोड़ी समझदारी से काम लिया जाए, तो इसे काफी हद तक कम किया जा सकता है। अगर आप चाहते हैं कि आपकी होम लोन ईएमआई कम हो और बजट पर ज्यादा दबाव न पड़े, तो ये 5 तरीके आपके बहुत काम आ सकते हैं।
1. जब भी मौका मिले, प्री-पेमेंट करें
होम लोन की ईएमआई को कम करने का सबसे आसान तरीका है प्री-पेमेंट। यानी जब भी आपके पास एक्स्ट्रा पैसे हों, उसे लोन की मूल राशि (प्रिंसिपल अमाउंट) में डालें। इससे आपकी कुल लोन राशि कम हो जाएगी, जिससे ब्याज का बोझ घटेगा और ईएमआई भी कम होगी।
मान लीजिए कि आपने 20 लाख रुपये का लोन लिया है और कुछ सालों बाद आपके पास 2-3 लाख रुपये बच जाते हैं। अगर आप इसे लोन की मूल राशि में लगा देते हैं, तो आपका लोन जल्दी खत्म हो सकता है और ब्याज का बोझ भी कम होगा।
प्री-पेमेंट करने का सबसे बड़ा फायदा ये है कि आपको लोन की अवधि छोटी करनी पड़ती है, जिससे सालों-साल ब्याज चुकाने का झंझट नहीं रहता। अगर आपकी सैलरी बढ़ती है या कोई बोनस मिलता है, तो उसे बचाकर होम लोन के प्री-पेमेंट में लगाना बेहतर रहेगा।
2. लोन की अवधि बढ़ाएं, ईएमआई का बोझ घटाएं
अगर हर महीने की ईएमआई आपकी सैलरी पर ज्यादा असर डाल रही है, तो आप लोन की अवधि बढ़ाने का ऑप्शन भी देख सकते हैं। इससे आपकी मासिक ईएमआई तो कम हो जाएगी, लेकिन ध्यान रखें कि इससे कुल ब्याज का भुगतान ज्यादा हो सकता है।
उदाहरण के लिए, अगर आप 10 साल के लिए होम लोन लेते हैं, तो आपकी ईएमआई ज्यादा होगी, लेकिन अगर आप इसे 20 साल तक बढ़ा देते हैं, तो हर महीने की ईएमआई काफी कम हो सकती है। हालांकि, इसका मतलब यह होगा कि आपको ज्यादा सालों तक ब्याज देना होगा। इसलिए, इसे चुनने से पहले अपनी फाइनेंशियल स्थिति का अच्छी तरह से आकलन कर लें।
3. सही बैंक चुनें और लोन ट्रांसफर का फायदा उठाएं
हर बैंक की होम लोन पर ब्याज दर अलग-अलग होती है, इसलिए ब्याज दरों की तुलना करना बहुत जरूरी है। अगर आपने किसी बैंक से पहले ही लोन ले लिया है और आपको लगता है कि दूसरी जगह आपको सस्ती दर पर लोन मिल सकता है, तो आप लोन ट्रांसफर का ऑप्शन देख सकते हैं।
लोन ट्रांसफर का मतलब होता है कि आप अपने लोन को एक बैंक से दूसरे बैंक में शिफ्ट कर लेते हैं, जहां ब्याज दरें कम हैं। इससे आपको ईएमआई पर अच्छा खासा फायदा मिल सकता है। लेकिन लोन ट्रांसफर करते समय यह जरूर देखें कि इसमें कोई हिडन चार्ज तो नहीं है और प्रोसेसिंग फीस कितनी होगी।
4. अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाए रखें, ब्याज दर कम करवाएं
अगर आपका क्रेडिट स्कोर (CIBIL Score) अच्छा है, तो आपको बैंक से कम ब्याज दर पर लोन मिल सकता है। क्रेडिट स्कोर 750 या उससे ज्यादा रखने पर बैंक आपके लिए स्पेशल ऑफर दे सकते हैं और ब्याज दर कम कर सकते हैं।
क्रेडिट स्कोर सुधारने के लिए:
- अपने लोन और क्रेडिट कार्ड की EMI समय पर चुकाएं
- ज्यादा कर्ज न लें और अपने क्रेडिट लिमिट का ज्यादा इस्तेमाल न करें
- पुराना कोई भी लोन हो, तो उसे क्लियर कर दें
अगर आपका स्कोर अच्छा रहेगा, तो आप बैंक से इंटरेस्ट रेट कम करने की डिमांड भी कर सकते हैं। इससे आपकी EMI कम हो सकती है और कुल ब्याज का बोझ घट सकता है।
5. ज्यादा से ज्यादा डाउन पेमेंट करें, लोन कम लें
जब भी आप होम लोन लें, कोशिश करें कि जितना ज्यादा हो सके, डाउन पेमेंट दें। डाउन पेमेंट का मतलब है कि आप घर की कीमत का कुछ हिस्सा खुद चुकाएं, जिससे आपको लोन कम लेना पड़ेगा।
मान लीजिए कि आपको 50 लाख रुपये का घर खरीदना है और आपका बैंक आपको 80% लोन देने को तैयार है। यानी बैंक आपको 40 लाख रुपये का लोन देगा और 10 लाख रुपये आपको खुद देने होंगे। अगर आप अपनी बचत से 15-20 लाख रुपये डाउन पेमेंट कर देते हैं, तो लोन की राशि घट जाएगी और आपकी EMI भी कम होगी।
ज्यादा डाउन पेमेंट करने से:
- आपको कम लोन लेना पड़ेगा, जिससे ब्याज कम लगेगा।
- EMI कम होगी और लोन जल्दी खत्म होगा।
- बैंक के नजर में आपकी क्रेडिट प्रोफाइल मजबूत होगी, जिससे कम ब्याज दर मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
होम लोन लेना बड़ा फैसला होता है, लेकिन अगर थोड़ी स्मार्ट प्लानिंग की जाए, तो आप अपनी EMI को काफी कम कर सकते हैं। प्री-पेमेंट, लंबी अवधि का लोन, सही बैंक का चुनाव, अच्छा क्रेडिट स्कोर और ज्यादा डाउन पेमेंट – ये पांच तरीके अपनाकर आप अपनी जेब पर पड़ने वाले बोझ को हल्का कर सकते हैं।
अगर आप अभी नया होम लोन लेने की सोच रहे हैं, तो पहले अलग-अलग बैंकों की ब्याज दरों की तुलना करें, क्रेडिट स्कोर चेक करें और ज्यादा डाउन पेमेंट करने की प्लानिंग करें। इससे आपको सस्ता लोन मिलेगा और EMI का टेंशन भी कम रहेगा।