Cheque Bounce : अगर आप किसी को चेक से पेमेंट कर रहे हैं, तो ध्यान रखें कि आपके बैंक अकाउंट में उतने पैसे जरूर हों। अगर चेक काट दिया और खाते में बैलेंस नहीं हुआ, तो आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। यहां तक कि जेल भी जाना पड़ सकता है और जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। इसलिए चेक काटते वक्त कुछ जरूरी बातों का ध्यान जरूर रखें।
चेक बाउंस कैसे होता है
चेक बाउंस होने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन सबसे कॉमन कारण होता है – खाते में पर्याप्त बैलेंस न होना। जब चेक को बैंक में लगाया जाता है और खाते में उतनी राशि नहीं होती, तो बैंक उसे रिजेक्ट कर देता है, जिसे चेक बाउंस कहा जाता है। इसके अलावा, अगर चेक पर सिग्नेचर मैच नहीं करता है या फिर ओवरराइटिंग होती है, तब भी चेक बाउंस हो सकता है।
बैंक भी वसूलता है पेनल्टी
अगर आपका चेक बाउंस हो जाता है, तो सिर्फ कानूनी कार्रवाई ही नहीं बल्कि बैंक भी आपसे पेनल्टी वसूलता है। यह पेनल्टी बैंक और अकाउंट टाइप पर निर्भर करती है। इसके अलावा, अगर आपने किसी को चेक दिया और वह बाउंस हो गया, तो आपको 1 महीने के अंदर उस व्यक्ति को भुगतान करना होगा।
अगर तय समय में पेमेंट नहीं किया गया, तो लेनदार आपको लीगल नोटिस भेज सकता है। अगर नोटिस मिलने के 15 दिन के अंदर भी पेमेंट नहीं किया गया, तो आपके खिलाफ Negotiable Instrument Act 1881 के सेक्शन 138 के तहत मामला दर्ज हो सकता है।
चेक को कैश कराने की समयसीमा
अगर आपने किसी से चेक लिया है, तो उसे तीन महीने के अंदर कैश कराना जरूरी है। अगर तीन महीने बाद चेक लगाया जाता है, तो वह अमान्य हो जाएगा। जब चेक बाउंस होता है, तो बैंक द्वारा चेक लगाने वाले व्यक्ति को एक रसीद दी जाती है, जिसमें बाउंस होने का कारण दर्ज होता है।
चेक बाउंस पर सजा और जुर्माना
अगर आपका चेक बाउंस हो जाता है, तो आपको दो साल तक की जेल हो सकती है। इसके अलावा, आपको चेक की रकम ब्याज सहित चुकानी पड़ सकती है। यह केस उसी पुलिस स्टेशन में दर्ज होता है, जिसके अधीन आपका निवास स्थान आता है। इसलिए, चेक जारी करने से पहले हमेशा यह सुनिश्चित करें कि आपके अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस हो।
चेक से जुड़े कुछ जरूरी टिप्स
- खाते में पर्याप्त बैलेंस रखें – चेक जारी करने से पहले यह जरूर चेक करें कि आपके अकाउंट में उतने पैसे हैं या नहीं।
- सही सिग्नेचर करें – चेक पर वही सिग्नेचर करें, जो आपके बैंक रिकॉर्ड में दर्ज है।
- ओवरराइटिंग न करें – चेक पर किसी भी तरह की काट-छांट या ओवरराइटिंग न करें, क्योंकि इससे चेक बाउंस हो सकता है।
- डेट सही डालें – चेक की डेट हमेशा सही डालें और ध्यान दें कि वह तीन महीने के अंदर हो।
- लीगल नोटिस को नजरअंदाज न करें – अगर आपका चेक बाउंस हो गया और आपको लीगल नोटिस मिला है, तो उसे हल्के में न लें। समय पर भुगतान करें, वरना कानूनी पचड़ों में फंस सकते हैं।
चेक बाउंस होना सिर्फ एक छोटी सी गलती नहीं बल्कि एक गंभीर अपराध भी हो सकता है। इससे बचने के लिए सही तरीके से चेक का उपयोग करें और अपने बैंक बैलेंस का खास ध्यान रखें। अगर आप इन बातों का ध्यान रखेंगे, तो किसी भी तरह की कानूनी परेशानी से बच सकते हैं।