Credit Card Limit : आजकल महंगाई बढ़ती जा रही है और लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए ज्यादा पैसे की तलाश में रहते हैं। ऐसे में बैंक लोन और क्रेडिट कार्ड काफी मददगार साबित हो रहे हैं। सरकारी और निजी दोनों ही बैंकों ने अपनी सेवाओं में कई बदलाव किए हैं, जिससे लोगों को आसानी से पैसे मिल सकें।
क्रेडिट कार्ड का बढ़ता हुआ ट्रेंड
अब भारत में क्रेडिट कार्ड का चलन तेजी से बढ़ रहा है। पहले लोग जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंक से लोन लेते थे, लेकिन अब क्रेडिट कार्ड ने इस प्रक्रिया को काफी बदल दिया है। इसके जरिए लोग खरीदारी से लेकर बड़े खर्चों तक को पूरा कर सकते हैं। क्रेडिट कार्ड के जरिए मिलने वाली आकर्षक छूट और ऑफर ने इसकी लोकप्रियता को और बढ़ा दिया है। अब लोग अपनी खरीदारी को और आसान तरीके से कर पा रहे हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना
अब बात करते हैं किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना की, जो खासतौर पर किसानों और कृषि से जुड़े लोगों के लिए बनाई गई है। इस योजना के तहत किसानों को कम ब्याज दर पर लोन मिलते हैं। किसान अपनी खेती, कृषि उपकरण या अन्य कृषि कार्यों के लिए इस लोन का उपयोग कर सकते हैं।
फरवरी 2025 में बढ़ी केसीसी की लिमिट
इस साल फरवरी में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी दी। 1 फरवरी 2025 को पेश किए गए बजट में किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है। पहले यह लिमिट 3 लाख रुपये थी, लेकिन अब 5 लाख रुपये तक का लोन किसानों को मिल सकता है। यह बदलाव 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा। इससे देशभर के करोड़ों किसानों को फायदा होने की उम्मीद है, और वे अपनी खेती के लिए ज्यादा निवेश कर पाएंगे।
केसीसी योजना का इतिहास और विस्तार
किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत लगभग 10 साल पहले हुई थी, और इसका उद्देश्य किसानों, पशुपालकों, डेयरी और मत्स्य पालन से जुड़े लोगों को आर्थिक सहायता प्रदान करना था। 2019 में इस योजना का विस्तार हुआ और अब इसमें पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन से जुड़े लोग भी शामिल हैं। 2014 में केसीसी के तहत लोन की कुल राशि 4.26 लाख करोड़ रुपये थी, जो इस योजना की महत्वता को दिखाता है।
केसीसी योजना से कितने किसान हुए लाभान्वित
पिछले साल के आंकड़ों के अनुसार, किसान क्रेडिट कार्ड से लाभ लेने वाले किसानों की संख्या 10 लाख के आंकड़े को पार कर गई है। अब तक करीब 7.72 करोड़ किसान इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं। इस योजना ने किसानों को केवल आर्थिक मदद नहीं दी, बल्कि कृषि क्षेत्र में विकास को भी बढ़ावा दिया है।
बजट में केसीसी के लिए आवंटन में बदलाव
2025-26 के बजट में कृषि मंत्रालय का आवंटन तो थोड़ा कम किया गया, लेकिन इसके बदले दूसरे क्षेत्रों के लिए बजट बढ़ाया गया है। जैसे मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी क्षेत्र के लिए बजट 37% बढ़ाकर 7,544 करोड़ रुपये कर दिया गया है, वहीं खाद्य प्रसंस्करण के लिए आवंटन 56% बढ़ाकर 4,364 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
केसीसी से लाभ कैसे उठाएं?
अगर आप भी किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आपको अपने नजदीकी बैंक से संपर्क करना होगा। इसके लिए आपको कुछ जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, जैसे पहचान प्रमाण, आवास प्रमाण, भूमि दस्तावेज, पासपोर्ट साइज फोटो और कुछ कृषि संबंधित कागजात। बैंक आपकी सिबिल स्कोर और आय के आधार पर लोन की राशि तय करेगा।
इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसके तहत मिलने वाले लोन पर ब्याज दर कम होती है, जिससे किसानों को ज्यादा लाभ मिलता है।
केसीसी का कृषि क्षेत्र पर असर
किसान क्रेडिट कार्ड योजना ने कृषि क्षेत्र में काफी बदलाव किए हैं। इस योजना की मदद से किसानों को समय पर वित्तीय सहायता मिल रही है, जिससे वे अपनी खेती में निवेश कर पा रहे हैं। अब वे आधुनिक कृषि तकनीकों और बेहतर बीजों में भी निवेश कर रहे हैं, जिससे उत्पादन बढ़ा है और उनकी आय में भी इजाफा हुआ है। इसके अलावा, पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों में भी इस योजना के विस्तार से लोगों को आर्थिक मदद मिली है और इन क्षेत्रों में भी विकास हुआ है।
यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है और इसे किसी वित्तीय या कानूनी सलाह के रूप में न लिया जाए। केसीसी योजना से संबंधित नवीनतम जानकारी और शर्तों के लिए अपने नजदीकी बैंक या सरकारी कृषि विभाग से संपर्क करें। लेख में दी गई जानकारी समय के साथ बदल भी सकती है, इसलिए कोई भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।