EPFO New Update : EPFO खाताधारकों के लिए एक बढ़िया खबर है! अगर आपका भी खाता EPFO में है, तो बस 31 मार्च तक का इंतज़ार कर लीजिए, फिर आपकी टेंशन काफी हद तक खत्म हो जाएगी। दरअसल, EPFO इस समय अपने सिस्टम को अपग्रेड कर रहा है और पहला चरण 31 मार्च तक पूरा होने की उम्मीद है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि डेटाबेस को सेंट्रलाइज किया जाएगा, जिससे सभी EPFO खाताधारकों को सुविधाएं पहले से बेहतर मिलेंगी। खासकर, क्लेम सेटलमेंट और शिकायत जैसी सेवाओं में काफी तेजी आ जाएगी।
EPFO में हो रहा है बड़ा बदलाव
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) लगातार अपने सिस्टम को अपग्रेड करने में जुटा हुआ है ताकि खाताधारकों को पहले से बेहतर सुविधाएं मिल सकें। इसी कड़ी में EPFO अपने डेटाबेस को सेंट्रलाइज करने की तैयारी में है। इससे होगा यह कि क्लेम सेटलमेंट से लेकर शिकायतों के निपटारे तक का काम पहले से कहीं ज्यादा तेज़ी से हो पाएगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 31 मार्च तक इस बदलाव को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि, कुछ और समय भी लग सकता है, लेकिन EPFO की कोशिश है कि यह सिस्टम जल्द से जल्द पूरी तरह से लागू हो जाए।
नया सिस्टम और इसकी सुविधाएं
EPFO इस बदलाव के तहत ‘सेंट्रल IT इनेबल्ड सिस्टम’ (CITES 2.01) नाम के नए प्लेटफॉर्म को लॉन्च कर रहा है। इस नए सिस्टम का मकसद क्लेम सेटलमेंट और पेमेंट प्रोसेस को आसान बनाना है। दरअसल, अभी तक EPFO के कई काम अलग-अलग फील्ड ऑफिस एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर के जरिए होते थे, लेकिन अब इन सबकी जगह एक सेंट्रलाइज्ड सिस्टम ले लेगा।
इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि खाताधारकों को UAN-बेस्ड लेजर की सुविधा मिलेगी, जिससे सभी फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन्स और अकाउंट डिटेल्स को मैनेज करना आसान हो जाएगा।
खाताधारकों को कैसे मिलेगा फायदा?
EPFO के आंकड़ों के मुताबिक, 7 मार्च तक देशभर में इसके 11.78 करोड़ से ज्यादा सदस्य थे। पिछले कुछ सालों में EPFO को खाताधारकों को समय पर सेवाएं देने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।
इसमें मुख्य रूप से ये समस्याएं शामिल थीं:
- क्लेम प्रोसेसिंग और निपटान में देरी
- खातों का ट्रांसफर धीमा होना
- ई-पासबुक अपडेट में परेशानी
अब EPFO इन सभी दिक्कतों को दूर करने के लिए अपने सिस्टम को अपग्रेड कर रहा है। नया सिस्टम लागू होने के बाद खाताधारकों को तेजी से क्लेम सेटलमेंट, खाता ट्रांसफर और अन्य सेवाओं का लाभ मिलने लगेगा।
क्यों जरूरी था ये बदलाव?
EPFO की मौजूदा प्रणाली कई साल पुरानी हो चुकी थी, जिसकी वजह से खाताधारकों को समय पर सेवाएं नहीं मिल पाती थीं। कई लोग क्लेम सेटलमेंट के लिए महीनों इंतजार करते थे, तो कुछ को खाता ट्रांसफर कराने में भी परेशानी झेलनी पड़ती थी।
इसके अलावा, EPFO के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी लोड बढ़ने की वजह से कई बार दिक्कतें आती थीं। इसी को ध्यान में रखते हुए, संगठन ने अपने सिस्टम को अपग्रेड करने का फैसला किया है ताकि खाताधारकों को बिना किसी झंझट के सुविधाएं मिल सकें।
नए बदलाव से क्या-क्या होगा आसान?
- क्लेम सेटलमेंट में तेजी – अब EPFO के क्लेम सेटलमेंट में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा।
- शिकायतों का जल्दी समाधान – शिकायत दर्ज करने के बाद निपटारे में ज्यादा समय नहीं लगेगा।
- ई-पासबुक अपडेट में आसानी – अकाउंट स्टेटमेंट चेक करने में कोई देरी नहीं होगी।
- खाते का ट्रांसफर आसान – जॉब बदलने पर खाता ट्रांसफर पहले से ज्यादा सरल होगा।
खाताधारकों को क्या करना होगा?
फिलहाल खाताधारकों को कुछ खास नहीं करना है। बस यह ध्यान रखना है कि आपका UAN (Universal Account Number) एक्टिव और अपडेटेड हो। अगर आपका मोबाइल नंबर या बैंक डिटेल्स बदले हैं, तो उन्हें EPFO पोर्टल पर जाकर अपडेट कर लें, ताकि नए सिस्टम के तहत सभी सेवाएं आसानी से मिल सकें।
31 मार्च के बाद क्या बदलेगा?
जैसे ही यह नया सिस्टम लागू होगा, EPFO की ऑनलाइन सेवाओं में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा। मौजूदा दिक्कतों से छुटकारा मिलने की उम्मीद है, जिससे करोड़ों खाताधारकों को फायदा होगा।
तो बस, अगर आप भी EPFO के खाताधारक हैं, तो थोड़ा और इंतजार कर लीजिए। 31 मार्च के बाद आपकी क्लेम सेटलमेंट और दूसरी सेवाओं में होने वाली देरी की टेंशन काफी हद तक खत्म हो जाएगी।