अगर FD कर रहे हैं तो सावधान! निवेश करने से पहले ये 7 खतरनाक बातें जान लें वरना होगा पछतावा FD Investment

FD Investment : अगर आप भी एफडी यानी फिक्स्ड डिपॉजिट में पैसे लगाते हैं, तो ये खबर आपके लिए है। एफडी एक ऐसा निवेश विकल्प है, जो भारत में काफी पॉपुलर है और कई लोग इसे अपने पैसे को सुरक्षित रखने और थोड़ी-बहुत कमाई करने के लिए चुनते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एफडी में निवेश करने के साथ कुछ नुकसान भी जुड़े हो सकते हैं? अगर नहीं, तो आइये, हम आपको बताते हैं कि एफडी में निवेश करते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है और इससे जुड़े नुकसानों के बारे में जानिए।

1. एफडी की फिक्स्ड ब्याज दर

एफडी का एक सबसे बड़ा नुकसान ये है कि इसमें ब्याज दर हमेशा तय होती है। यानी जब आप एफडी खोलते हैं, तो जो ब्याज दर बैंक द्वारा निर्धारित की जाती है, वही अंत तक लागू रहती है। ये एक तरह से गारंटीड रिटर्न है, लेकिन अगर भविष्य में ब्याज दर बढ़ती है, तो आपको उस लाभ का फायदा नहीं मिलेगा।

2. कम रिटर्न

एफडी में कम रिटर्न मिलने का एक और बड़ा कारण ये है कि यह एक फिक्स्ड ब्याज दर पर काम करता है। इसका मतलब यह है कि एफडी से मिलने वाला रिटर्न दूसरे निवेश विकल्पों, जैसे म्यूचुअल फंड्स या शेयर बाजार के मुकाबले बहुत कम हो सकता है। म्यूचुअल फंड्स में जोखिम जरूर होता है, लेकिन वहाँ रिटर्न काफी ज्यादा मिलने की संभावना रहती है।

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3. लॉक-इन पीरियड

एफडी का एक और बड़ा नुकसान इसका लॉक-इन पीरियड है। इसका मतलब यह है कि जब आप एफडी में निवेश करते हैं, तो आपके पैसे उस निश्चित अवधि तक लॉक रहते हैं। जैसे ही आप एफडी का पैसा निकालने की सोचते हैं, आपको पूरा प्रीमेच्योर पेनाल्टी देना पड़ सकता है। इसका मतलब ये हुआ कि अगर अचानक किसी वित्तीय समस्या के चलते आपको पैसे की जरूरत पड़ी, तो आप बिना पेनाल्टी के पैसे नहीं निकाल सकते।

4. टीडीएस (TDS) की कटौती

एफडी में जो ब्याज मिलता है, उस पर टैक्स लगता है। इसे टीडीएस (Tax Deducted at Source) कहते हैं, जो बैंक द्वारा काट लिया जाता है। मतलब, आपको जो ब्याज मिलता है, वो पहले से ही टैक्स कटने के बाद मिलता है। अगर आपकी एफडी पर मिलने वाला ब्याज ज्यादा है, तो आपको काफी टैक्स देना पड़ सकता है। इसके कारण आपका कुल रिटर्न काफी कम हो सकता है।

5. महंगाई और एफडी की ब्याज दर

आजकल महंगाई की दर काफी बढ़ चुकी है, और अगर एफडी की ब्याज दर महंगाई की दर से कम है, तो आपके पैसे की असल वैल्यू समय के साथ घटने लगती है। उदाहरण के तौर पर, अगर एफडी पर आपको 6% ब्याज मिल रहा है, लेकिन महंगाई की दर 8% है, तो आपका पैसा असल में घटता जाएगा। यानी, एफडी में निवेश करके आप पैसों की बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं कर सकते, खासकर जब महंगाई दर ज्यादा हो।

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6. एफडी तोड़ने पर जुर्माना

अगर आपको अचानक पैसों की जरूरत हो और आपने एफडी खोल रखी हो, तो आप उसे समय से पहले तोड़ सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको जुर्माना देना पड़ता है। बैंक समय से पहले पैसे निकालने पर प्रीमेच्योर पेनाल्टी लगाते हैं, जो आपकी कुल राशि को कम कर देती है। इसके अलावा, आपको कैपिटल गेंस टैक्स भी नहीं देना होता, लेकिन फिर भी आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है।

7. बैंक दिवालिया होने पर पैसे का खतरा

एफडी में एक और बड़ा खतरा यह है कि अगर जिस बैंक में आपने एफडी डाली है, वह दिवालिया हो जाता है, तो आपकी पूरी राशि डूब सकती है। हालांकि, सरकार ने एक नियम रखा है कि हर बैंक में एक निवेशक के लिए 5 लाख रुपये तक का बीमा होता है। इसका मतलब है कि यदि आपने 10 लाख रुपये की एफडी डाली है और बैंक दिवालिया हो जाता है, तो केवल 5 लाख रुपये का ही आपको वापस मिलेगा। बाकी का पैसा डूब सकता है।

तो, एफडी में निवेश करने से पहले इन सभी नुकसानों को ध्यान में रखना जरूरी है। यह सही है कि एफडी एक सुरक्षित निवेश है, लेकिन इसमें उतना फायदा नहीं हो सकता जितना आप दूसरे निवेश विकल्पों से पा सकते हैं। यदि आप एफडी में निवेश करना चाहते हैं, तो अपनी वित्तीय जरूरतों और लक्ष्यों के हिसाब से सही निर्णय लें और दूसरे विकल्पों की तुलना करें।

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