Loan EMI New Rules : आजकल पैसों की ज़रूरत पड़ने पर लोग आसानी से लोन ले लेते हैं, लेकिन असली परेशानी तब शुरू होती है जब EMI चुकाने में दिक्कत आती है। ऐसे में बैंक और फाइनेंस कंपनियां रिकवरी के नाम पर कई तरह की कार्रवाई करने लगती हैं। लेकिन अब टेंशन लेने की जरूरत नहीं है, क्योंकि हाईकोर्ट ने लोन लेने वालों के हक में एक अहम फैसला सुनाया है। इस फैसले से लाखों लोगों को राहत मिलेगी।
EMI नहीं भर पा रहे? अब नहीं होगी टेंशन
अगर आप भी लोन लेकर EMI चुका नहीं पा रहे हैं, तो अब चिंता करने की जरूरत नहीं है। हाईकोर्ट के इस फैसले से बैंक और NBFC की मनमानी पर रोक लगेगी। खासकर, जिन लोगों ने गाड़ी या टू-व्हीलर के लिए लोन लिया है, उनके लिए यह राहतभरी खबर है।
अक्सर देखा जाता है कि अगर कोई EMI नहीं भर पाता है, तो बैंक रिकवरी एजेंट्स के जरिए दबाव बनाते हैं। कई बार तो एजेंट्स ग्राहकों के साथ बदसलूकी भी करते हैं या फिर जबरदस्ती गाड़ी उठाकर ले जाते हैं। लेकिन अब हाईकोर्ट के फैसले के बाद ऐसा करना गैरकानूनी माना जाएगा। यानी, अब कोई भी बैंक या फाइनेंस कंपनी जबरदस्ती आपकी गाड़ी नहीं उठा सकती।
क्या कहा हाईकोर्ट ने
पटना हाईकोर्ट ने यह साफ कर दिया है कि किसी भी बैंक या फाइनेंस कंपनी को यह अधिकार नहीं है कि वह बिना कानूनी प्रक्रिया पूरी किए ग्राहक की गाड़ी जब्त कर ले। अगर कोई बैंक या रिकवरी एजेंट ऐसा करता है, तो ग्राहक पुलिस में शिकायत दर्ज करवा सकता है।
नए नियम जो आपको जानने जरूरी हैं
अब लोन EMI को लेकर कुछ नए नियम तय किए गए हैं, जिन्हें बैंक और फाइनेंस कंपनियों को फॉलो करना होगा। आइए जानते हैं कि अगर आपकी EMI मिस हो जाती है तो अब क्या होगा:
- पहली EMI मिस होने पर: अगर आपकी पहली EMI मिस हो जाती है, तो बैंक आपसे विनम्रता से संपर्क करेगा और EMI भरने का अनुरोध करेगा। इसके साथ ही, आपको अगली बार पेनाल्टी सहित EMI चुकाने का मौका मिलेगा।
- दो लगातार EMI मिस करने पर: अगर आपने दो बार लगातार EMI नहीं भरी, तो बैंक आपको फोन या आपके घर आकर सूचित कर सकता है। इस दौरान आपको बाउंसिंग चार्ज और पेनाल्टी के साथ बकाया EMI भरने का मौका दिया जाएगा।
- तीन बार लगातार EMI मिस करने पर: अगर आपकी तीन EMI लगातार मिस हो जाती हैं, तो बैंक इसे गंभीर मानते हुए कानूनी प्रक्रिया शुरू कर सकता है। हालांकि, अब सीधे गाड़ी जब्त नहीं की जा सकेगी। बैंक को पहले पुलिस को सूचित करना होगा और फिर ग्राहक के घर आकर ही गाड़ी लेनी होगी। इसके अलावा, ग्राहक को 15 से 30 दिन का समय मिलेगा, जिसमें वह EMI भरकर अपनी गाड़ी वापस ले सकता है।
- बार-बार EMI मिस करने पर: अगर कोई ग्राहक लगातार EMI नहीं भरता और तय समय में भी पेमेंट नहीं करता, तो बैंक कानूनी प्रक्रिया के तहत गाड़ी को नीलाम कर सकता है। नीलामी से मिली रकम में से लोन की बकाया राशि काटने के बाद बाकी पैसा ग्राहक को लौटा दिया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया को सरफेसी एक्ट (SARFAESI Act) के तहत पूरा किया जाएगा।
रिकवरी एजेंट्स को लेकर भी नए नियम
अब अगर कोई रिकवरी एजेंट जबरदस्ती गाड़ी छीनने की कोशिश करता है, तो आप तुरंत पुलिस में शिकायत कर सकते हैं।
- रिकवरी एजेंट ग्राहक के घर तय समय के अलावा नहीं जा सकते।
- वे जबरदस्ती गाड़ी नहीं उठा सकते।
- अगर कोई एजेंट ग्राहक से दुर्व्यवहार करता है, तो उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जा सकता है।
लोन लेने वालों के अधिकार
- अगर कोई रिकवरी एजेंट रास्ते में आपकी गाड़ी जबरदस्ती छीनने की कोशिश करता है, तो आप तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
- बैंक को गाड़ी जब्त करने से पहले ग्राहक को नोटिस देना जरूरी होगा।
- अगर गाड़ी नीलाम होती है, तो बैंक को इसकी जानकारी ग्राहक को देनी होगी और नीलामी से बची हुई रकम लौटानी होगी।
अब मनमानी नहीं चलेगी
हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब बैंक और NBFC की मनमानी नहीं चलेगी। EMI नहीं भर पाने की स्थिति में भी अब ग्राहकों के पास अपने अधिकार होंगे और वे बिना डर के कानूनी सहायता ले सकते हैं।
अगर आपने भी लोन लिया है और EMI चुकाने में दिक्कत आ रही है, तो अब आपको पहले से ज्यादा सुरक्षा मिलेगी। अब बैंकों को भी तय नियमों का पालन करना होगा और ग्राहकों को परेशान करने से पहले सही कानूनी प्रक्रिया अपनानी होगी।
तो अब EMI चुकाने में किसी दिक्कत का सामना कर रहे हैं? अपने अधिकारों को जानें और बैंक या रिकवरी एजेंट की मनमानी का शिकार न बनें।