Property Registration Fees – अगर आप कोई संपत्ति खरीद रहे हैं, तो उसकी रजिस्ट्री कराना अनिवार्य होता है। लेकिन रजिस्ट्रेशन फीस और अन्य कागजी कार्रवाई में मोटा खर्च हो जाता है। सही जानकारी न होने के कारण कई लोग जरूरत से ज्यादा पैसा खर्च कर देते हैं। लेकिन कुछ स्मार्ट तरीकों को अपनाकर आप लाखों रुपये तक की बचत कर सकते हैं।
मार्केट वैल्यू का सही आकलन करें
बहुत से लोग यह नहीं जानते कि प्रॉपर्टी की रजिस्ट्रेशन फीस उसकी मार्केट वैल्यू और सर्कल रेट पर निर्भर करती है। कई बार सर्कल रेट बाजार में प्रचलित दर से अधिक होता है, जिससे स्टांप ड्यूटी भी ज्यादा लगती है। यदि रजिस्ट्रार ऑफिस में अपील की जाए, तो स्टांप ड्यूटी को वास्तविक मार्केट वैल्यू के आधार पर तय करवाया जा सकता है। इससे अनावश्यक खर्च से बचा जा सकता है। उपायुक्त (DC) द्वारा की गई समीक्षा के बाद रजिस्ट्रेशन फीस में राहत भी मिल सकती है।
निर्माणाधीन प्रॉपर्टी खरीदकर पैसे बचाएं
अगर आप किसी बिल्डर से नया घर खरीद रहे हैं, तो यह जानना जरूरी है कि रजिस्ट्रेशन के लिए दो अलग-अलग एग्रीमेंट बनाए जाते हैं – पहला, सेल एग्रीमेंट, जिसमें संपत्ति का अविभाजित हिस्सा शामिल होता है और दूसरा, कंस्ट्रक्शन एग्रीमेंट, जिसमें निर्माण की लागत जोड़ी जाती है।
यदि आप बिना बंटवारे वाली जमीन खरीदते हैं, तो आपको पूरी कीमत पर स्टांप ड्यूटी नहीं देनी पड़ती। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी प्रॉपर्टी की कुल कीमत 50 लाख रुपये है, जिसमें 20 लाख जमीन की कीमत और 30 लाख निर्माण लागत है, तो रजिस्ट्रेशन फीस केवल 20 लाख रुपये पर लगेगी। इससे स्टांप ड्यूटी में भारी बचत की जा सकती है।
महिला के नाम पर रजिस्ट्री कराएं
कई राज्यों में यदि प्रॉपर्टी किसी महिला के नाम पर रजिस्टर कराई जाए, तो स्टांप ड्यूटी में छूट मिलती है। उदाहरण के तौर पर, दिल्ली में पुरुषों के लिए रजिस्ट्रेशन फीस 6 प्रतिशत है, जबकि महिलाओं के लिए यह केवल 4 प्रतिशत है। इसी तरह, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भी महिलाओं को स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज में छूट दी जाती है। यदि परिवार में कोई महिला संपत्ति खरीद सकती है, तो यह पैसे बचाने का एक अच्छा तरीका हो सकता है।
राज्यों के नियमों पर नजर रखें
हर राज्य की अपनी अलग संपत्ति पंजीकरण नीति होती है। कई बार सरकारें समय-समय पर स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस में छूट की घोषणा करती हैं। ऐसे में, समय पर जानकारी हासिल करना बेहद जरूरी है।
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कुछ राज्यों में ब्लड रिलेशन के अंतर्गत संपत्ति ट्रांसफर करने पर स्टांप ड्यूटी में छूट दी जाती है। महाराष्ट्र, पंजाब और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में यदि संपत्ति गिफ्ट डीड के माध्यम से ट्रांसफर की जाए, तो रजिस्ट्रेशन चार्ज बचाया जा सकता है। इसलिए, अपने राज्य के स्टांप एक्ट और पंजीकरण शुल्क से संबंधित नियमों की जानकारी रखना फायदेमंद हो सकता है।
यदि आप थोड़ी सतर्कता बरतें और सही जानकारी हासिल करें, तो प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन पर अच्छा-खासा पैसा बचाया जा सकता है। मार्केट वैल्यू का सही आकलन करें, निर्माणाधीन संपत्ति खरीदने की प्रक्रिया को समझें, महिला के नाम पर रजिस्ट्रेशन कराने के लाभों का उपयोग करें और राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली छूट की जानकारी रखें। सही रणनीति अपनाकर आप अनावश्यक खर्च से बच सकते हैं और अपनी मेहनत की कमाई का सही उपयोग कर सकते हैं।