Property Registry New Rules 2025 – अगर आप जमीन खरीदने या बेचने की योजना बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। हाल ही में जमीन रजिस्ट्री के नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है, जिससे रजिस्ट्री प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाया गया है। इन बदलावों के कारण खरीदी गई जमीन की रजिस्ट्री को कैंसिल करने की प्रक्रिया भी अब आसान हो गई है। सरकार ने यह कदम डिजिटल रजिस्ट्रेशन को बढ़ावा देने और फर्जीवाड़े को रोकने के लिए उठाया है।
नए नियमों के अनुसार, अब आधार कार्ड लिंकिंग अनिवार्य कर दी गई है, जिससे बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के जरिए हर सौदे की प्रामाणिकता सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा, रजिस्ट्री के दौरान वीडियो रिकॉर्डिंग और ऑनलाइन भुगतान की सुविधा भी शुरू की गई है, जिससे प्रक्रिया को सुरक्षित और पारदर्शी बनाया जा सके।
जमीन रजिस्ट्री की नई प्रक्रिया
नए नियमों के तहत जमीन की रजिस्ट्री अब पूरी तरह डिजिटल होने जा रही है। इसका मतलब यह है कि खरीदार और विक्रेता दोनों को दस्तावेजों की हार्ड कॉपी लेकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। अब सभी जरूरी दस्तावेज ऑनलाइन जमा किए जा सकते हैं और रजिस्ट्री की प्रक्रिया घर बैठे पूरी की जा सकती है।
इस बदलाव का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि रजिस्ट्री प्रक्रिया अब अधिक तेज और पारदर्शी होगी। इससे भ्रष्टाचार में कमी आएगी और आम जनता को जमीन खरीदने-बेचने में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।
जमीन रजिस्ट्री के लिए जरूरी दस्तावेज
अगर आप जमीन की रजिस्ट्री करवाने जा रहे हैं, तो आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की जरूरत होगी:
- टाइटल डीड यानी संपत्ति का कानूनी स्वामित्व दर्शाने वाला दस्तावेज
- सेल डीड यानी खरीद-बिक्री का अनुबंध
- प्रॉपर्टी टैक्स की रसीदें
- खरीदार और विक्रेता का आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- कोई अन्य फोटो पहचान पत्र जैसे वोटर आईडी, पासपोर्ट, या ड्राइविंग लाइसेंस
जमीन रजिस्ट्री कैंसिल करने की प्रक्रिया
सरकार ने जमीन रजिस्ट्री कैंसिल करने की प्रक्रिया को भी आसान बना दिया है। पहले इस प्रक्रिया में काफी समय और कानूनी जटिलताएं होती थीं, लेकिन अब यह काम कम समय में हो सकता है।
अगर किसी कारणवश आपको अपनी जमीन की रजिस्ट्री कैंसिल करवानी हो, तो आपको निम्नलिखित प्रक्रिया अपनानी होगी:
- शहरी क्षेत्रों में नगर निगम या निबंधन विभाग से संपर्क करें।
- ग्रामीण क्षेत्रों में तहसील कार्यालय में आवेदन दें।
- आवश्यक दस्तावेज जैसे आपत्ति पत्र, रजिस्ट्री के कागजात और पहचान प्रमाण जमा करें।
- कुछ राज्यों में यह प्रक्रिया अब ऑनलाइन भी शुरू हो चुकी है।
जमीन रजिस्ट्री कैंसिल करने के कारण
ऐसे कई कारण हो सकते हैं जिनके चलते जमीन रजिस्ट्री को कैंसिल किया जा सकता है, जैसे:
- किसी फर्जी दस्तावेज के आधार पर की गई रजिस्ट्री
- आर्थिक कारणों से सौदे को रद्द करना
- पारिवारिक विवाद या संपत्ति विवाद
ऑनलाइन जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया
अब खरीदार और विक्रेता दोनों ही अपनी जमीन की रजिस्ट्री ऑनलाइन करवा सकते हैं। यह सुविधा न केवल समय बचाती है, बल्कि इसे अधिक सुरक्षित भी बनाती है। ऑनलाइन रजिस्ट्री के तहत निम्नलिखित सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं:
- सभी दस्तावेजों की डिजिटल वेरिफिकेशन
- ऑनलाइन स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस का भुगतान
- बायोमेट्रिक सत्यापन के साथ आधार लिंकिंग
- वीडियो रिकॉर्डिंग द्वारा पूरी प्रक्रिया का प्रमाणिकता सुनिश्चित करना
जमीन रजिस्ट्री के लिए स्टांप ड्यूटी और अन्य शुल्क
रजिस्ट्री करवाते समय आपको कुछ शुल्क का भुगतान करना होता है, जो निम्नानुसार हो सकते हैं:
- स्टांप ड्यूटी: संपत्ति के मूल्य का एक निश्चित प्रतिशत
- रजिस्ट्रेशन फीस: संपत्ति के मूल्य का 1 प्रतिशत
- अतिरिक्त शुल्क: सेस और सरचार्ज भी लागू हो सकते हैं
स्टांप ड्यूटी की दर आमतौर पर संपत्ति के मूल्य के आधार पर तय की जाती है, जैसे:
- 20 लाख तक की संपत्ति के लिए 2 प्रतिशत
- 21 लाख से 45 लाख तक की संपत्ति के लिए 3 प्रतिशत
- 45 लाख से अधिक की संपत्ति के लिए 5 प्रतिशत
नए नियमों के फायदे
नए जमीन रजिस्ट्री नियम 2025 से कई फायदे होंगे, जिनमें मुख्य रूप से ये शामिल हैं:
- पारदर्शिता: डिजिटल प्रक्रिया के कारण धोखाधड़ी की संभावना कम होगी।
- सुरक्षा: बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन और वीडियो रिकॉर्डिंग से सौदे की सुरक्षा बढ़ेगी।
- कुशलता: पूरी प्रक्रिया पहले की तुलना में तेज और सरल हो जाएगी।
- ऑनलाइन सुविधा: अब स्टांप ड्यूटी और अन्य शुल्क का भुगतान ऑनलाइन किया जा सकता है।
जमीन रजिस्ट्री के नए नियम 2025 के तहत अब रजिस्ट्री प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सुरक्षित हो गई है। डिजिटल माध्यम से इसे सरल बनाया गया है और खरीदारों तथा विक्रेताओं को बिना किसी झंझट के जमीन खरीदने-बेचने की सुविधा दी गई है। यदि आप जमीन की रजिस्ट्री या उसे कैंसिल कराने की योजना बना रहे हैं, तो नए नियमों को ध्यान में रखते हुए प्रक्रिया पूरी करें। इससे न केवल आपका समय बचेगा, बल्कि अनावश्यक कानूनी विवादों से भी बचा जा सकेगा।