Rbi New Rule Multiple Bank Accounts – यह नया नियम उन लोगों के लिए अहम हो सकता है जिनके पास एक से ज्यादा बैंक अकाउंट हैं। अगर आपके पास कई बैंक अकाउंट हैं, तो अब आपको इन्हें मेंटेन करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। सिबिल स्कोर खराब होने से लेकर, मिनिमम बैलेंस न रखने पर लगने वाली पेनल्टी तक—इन सबका असर लाखों लोगों पर पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि यह नया नियम क्या है और आपको इससे कैसे बचना चाहिए।
कई बैंक अकाउंट रखने के नुकसान
मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने की दिक्कत
अगर आपके पास एक से ज्यादा बैंक अकाउंट हैं, तो हर खाते में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना अनिवार्य होता है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो बैंक आपके खाते से पेनल्टी के रूप में पैसे काट सकता है। कई बार लोग अकाउंट खोल तो लेते हैं, लेकिन उसमें पैसे नहीं रखते, जिससे मिनिमम बैलेंस मेंटेन न होने की वजह से फाइन देना पड़ता है। इस फाइन का सीधा असर आपकी बचत पर पड़ता है।
एक्स्ट्रा चार्जेस देने पड़ते हैं
ज्यादा बैंक अकाउंट का मतलब है कि आपको कई तरह के चार्जेस भी ज्यादा देने होंगे। हर बैंक अकाउंट के लिए मेंटेनेंस फीस, डेबिट कार्ड फीस, एसएमएस चार्ज, ऑनलाइन बैंकिंग चार्ज, ट्रांजैक्शन फीस आदि को चुकाना पड़ता है। अगर आपने क्रेडिट कार्ड भी ले रखा है, तो आपको उसके भी सालाना चार्ज देने होंगे। ऐसे में आपके बैंक अकाउंट में जमा रकम पर भी असर पड़ेगा।
सिबिल स्कोर पर असर
सिबिल स्कोर (CIBIL Score) खराब होने का सबसे बड़ा कारण यह होता है कि लोग अपने बैंक अकाउंट को सही से मेंटेन नहीं कर पाते। अगर किसी खाते में लंबे समय तक लेन-देन नहीं होता है या उसमें मिनिमम बैलेंस नहीं रखा जाता, तो इसका असर आपके सिबिल स्कोर पर पड़ सकता है। खराब सिबिल स्कोर की वजह से आपको भविष्य में लोन लेने में दिक्कत हो सकती है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजर
अगर आपके पास कई बैंक अकाउंट हैं, तो इनकम टैक्स विभाग (IT Department) भी आप पर नजर रखता है। इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने के दौरान आपको अपने सभी बैंक अकाउंट की जानकारी देनी होती है। अगर आपने कोई खाता छुपाया, तो यह आपके लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है। साथ ही, अगर आपके अकाउंट में ज्यादा लेन-देन हो रहा है, तो भी इनकम टैक्स विभाग आपसे सवाल कर सकता है।
सैलरी अकाउंट का ऑटो-कन्वर्जन
अगर आपके सैलरी अकाउंट में लगातार तीन महीने तक सैलरी नहीं आती, तो बैंक अपने नियमों के मुताबिक इसे सेविंग अकाउंट में बदल देता है। ऐसा होते ही बैंक के नए नियम लागू हो जाते हैं और आपको मिनिमम बैलेंस बनाए रखना पड़ता है। अगर आप ऐसा नहीं कर पाते, तो बैंक पेनल्टी के तौर पर आपके खाते से पैसे काट सकता है।
क्या करना चाहिए
- अनावश्यक बैंक अकाउंट बंद करें – अगर आपके पास ऐसे बैंक अकाउंट हैं जिनका आप इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, तो उन्हें तुरंत बंद करा दें। इससे अनावश्यक चार्ज और पेनल्टी से बचा जा सकता है।
- मिनिमम बैलेंस मेंटेन करें – अगर आप अपने सभी बैंक अकाउंट को बनाए रखना चाहते हैं, तो उनमें मिनिमम बैलेंस जरूर रखें, ताकि किसी भी तरह की पेनल्टी से बचा जा सके।
- क्रेडिट स्कोर का ध्यान रखें – बैंकिंग से जुड़े सभी नियमों का पालन करें और अपने खाते को एक्टिव रखें ताकि आपका क्रेडिट स्कोर खराब न हो।
- ITR फाइल करते समय सभी अकाउंट की जानकारी दें – किसी भी तरह की समस्या से बचने के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय अपने सभी बैंक अकाउंट की सही जानकारी दें।
अगर आप इन बातों का ध्यान रखते हैं, तो ज्यादा बैंक अकाउंट होने के बावजूद आपको किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। अब समय आ गया है कि आप अपने बैंकिंग से जुड़े फैसलों पर दोबारा विचार करें और जरूरत के हिसाब से ही अपने अकाउंट को बनाए रखें।