RBI NEW UPDATE : आजकल लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंकों से लोन लेते हैं। चाहे घर खरीदना हो, कार हो या फिर शिक्षा का खर्च उठाना हो, बैंक से लोन एक सामान्य प्रक्रिया बन चुकी है।
लेकिन कई बार लोग अपनी किस्तें समय पर चुकाने में असमर्थ हो जाते हैं, और फिर बैंकों द्वारा रिकवरी एजेंटों के जरिए वसूली की प्रक्रिया शुरू की जाती है।
इस दौरान कई बार एजेंट नियमों का उल्लंघन करते हुए कर्जदारों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं, जिससे कर्जदारों को मानसिक और शारीरिक परेशानी का सामना करना पड़ता है।
RBI के सख्त दिशा-निर्देश
बढ़ती शिकायतों और कर्जदारों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाओं के मद्देनजर, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सभी बैंकों को सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन नियमों का उद्देश्य कर्जदारों के अधिकारों की रक्षा करना और अनुचित वसूली प्रथाओं पर रोक लगाना है।
RBI ने स्पष्ट किया है कि बैंकों को वसूली का अधिकार है, लेकिन इसके लिए उन्हें तय मानकों और नियमों का पालन करना जरूरी है। ये निर्देश सार्वजनिक, निजी और विदेशी बैंकों पर समान रूप से लागू होंगे।
कानूनी दृष्टिकोण और सुप्रीम कोर्ट की राय
सुप्रीम कोर्ट ने भी कर्ज वसूली के मामलों में कड़ा रुख अपनाया है। अदालत का कहना है कि कर्ज का न चुकाना एक सिविल विवाद है, और इसके लिए किसी भी प्रकार का आपराधिक व्यवहार कानूनी अपराध माना जाएगा।
यदि बैंक या उसका एजेंट कर्जदार के साथ दुर्व्यवहार करते हैं, तो कर्जदार पुलिस में शिकायत दर्ज करवा सकता है और मुआवजे की मांग कर सकता है।
वसूली प्रक्रिया के नियम
RBI के अनुसार, बैंकों और रिकवरी एजेंटों को सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक ही कर्जदार से संपर्क करने की अनुमति है। इसके बाद किसी भी प्रकार का संपर्क अवैध माना जाएगा।
कर्जदार यदि इस समय सीमा का उल्लंघन महसूस करते हैं, तो वे बैंक या RBI में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इस नियम का उद्देश्य कर्जदार की निजता और शांति को सुनिश्चित करना है।
कर्ज की डिफॉल्ट स्थिति में बैंक की कार्रवाई
अगर कोई कर्जदार 90 दिनों तक किस्त नहीं चुकाता, तो बैंक नोटिस जारी करता है। नोटिस में 60 दिन का अतिरिक्त समय दिया जाता है, जिसके दौरान कर्जदार अपनी किस्त चुका सकता है।
अगर फिर भी कर्ज नहीं चुकाया जाता, तो बैंक कानूनी वसूली प्रक्रिया शुरू कर सकता है, लेकिन यह पूरी तरह से कानून के दायरे में होना चाहिए।
रिकवरी एजेंटों के व्यवहार पर सख्त नियंत्रण
RBI ने रिकवरी एजेंटों के व्यवहार पर भी सख्त नियंत्रण रखा है। वे कर्जदारों को धमकाने, शारीरिक रूप से परेशान करने या उनके परिवारवालों को परेशान करने के लिए प्रतिबंधित हैं। यदि कोई एजेंट इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो बैंक और एजेंट दोनों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
कर्जदारों के अधिकार और उपाय
अगर आप अपनी लोन किस्त चुकाने में असमर्थ हैं, तो सबसे पहले बैंक से संपर्क करें और समाधान की कोशिश करें। बैंक कई बार पुनर्भुगतान योजना में बदलाव कर सकती है या समय की अतिरिक्त अवधि दे सकती है। यदि रिकवरी एजेंट द्वारा दुर्व्यवहार किया जाता है, तो आप बैंक के उच्च अधिकारियों, RBI या पुलिस से शिकायत कर सकते हैं।
जागरूकता और जिम्मेदारी का महत्व
बैंक से कर्ज लेने से पहले सभी नियमों और शर्तों को समझना जरूरी है। यदि आप किसी वित्तीय समस्या का सामना कर रहे हैं, तो तुरंत बैंक से संपर्क करें। अधिकतर बैंक आपकी सहायता करने के लिए तैयार रहते हैं।