Senior Citizen FD Scheme – रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा बहुत जरूरी होती है क्योंकि इस समय आय के स्रोत सीमित हो जाते हैं और खर्चे लगातार बने रहते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए बैंक वरिष्ठ नागरिकों के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी पर अधिक ब्याज दर की पेशकश करते हैं ताकि उन्हें एक स्थिर और सुरक्षित आय प्राप्त हो सके। फिक्स्ड डिपॉजिट निवेश का एक बहुत ही सुरक्षित और भरोसेमंद तरीका है जिसमें पैसा पूरी तरह से सुरक्षित रहता है और बाजार के उतार-चढ़ाव का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
सीनियर सिटीजन के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट क्यों फायदेमंद है
वरिष्ठ नागरिकों को सामान्य निवेशकों की तुलना में 0.25% से 0.50% अधिक ब्याज दिया जाता है जिससे उनके निवेश पर ज्यादा रिटर्न मिलता है। कई बैंक वर्तमान में 7% से 7.75% तक की ब्याज दर ऑफर कर रहे हैं जिससे तीन साल में एक लाख रुपये की एफडी पर 26,000 रुपये तक का ब्याज मिल सकता है। यह उनके लिए एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है क्योंकि यह न केवल सुरक्षित होता है बल्कि निश्चित रिटर्न भी देता है जिससे वे अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को बिना किसी परेशानी के पूरा कर सकते हैं।
किन बैंकों में मिल रही है सबसे ज्यादा ब्याज दर
बैंक ऑफ बड़ौदा
वर्तमान में बैंक ऑफ बड़ौदा सीनियर सिटिजन को सबसे अधिक 7.75% की ब्याज दर प्रदान कर रहा है। इस ब्याज दर पर अगर कोई एक लाख रुपये का निवेश तीन साल के लिए करता है, तो उसे मैच्योरिटी पर लगभग 1.26 लाख रुपये मिल जाएंगे यानी 26,000 रुपये का अतिरिक्त फायदा होगा।
एक्सिस बैंक
एक्सिस बैंक भी सीनियर सिटीजन के लिए एक भरोसेमंद निजी बैंक है और यह 7.60% की ब्याज दर ऑफर कर रहा है। इस दर पर एक लाख रुपये का तीन साल का निवेश मैच्योरिटी पर लगभग 1.25 लाख रुपये हो जाएगा।
अन्य प्रमुख बैंक
- एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और पंजाब नेशनल बैंक – ये बैंक वरिष्ठ नागरिकों को 7.50% की ब्याज दर दे रहे हैं जिससे तीन साल की एफडी पर 1.25 लाख रुपये मिल सकते हैं।
- एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) – 7.25% की ब्याज दर दे रहा है जिससे तीन साल की एफडी पर 1.24 लाख रुपये हो सकते हैं।
- केनरा बैंक – 7.30% की ब्याज दर प्रदान कर रहा है जिससे तीन साल की एफडी पर 1.24 लाख रुपये मिल सकते हैं।
- बैंक ऑफ इंडिया और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया – 7% की ब्याज दर के साथ तीन साल की एफडी पर 1.23 लाख रुपये मिल सकते हैं।
फिक्स्ड डिपॉजिट के प्रमुख लाभ
- सुरक्षित निवेश विकल्प – एफडी निवेश पूरी तरह से सुरक्षित होता है क्योंकि इसमें बाजार के उतार-चढ़ाव का कोई असर नहीं पड़ता है।
- निश्चित रिटर्न – एफडी में ब्याज दर पहले से तय होती है जिससे निवेशक को पहले से पता होता है कि उसे मैच्योरिटी पर कितना पैसा मिलेगा।
- लोन की सुविधा – जरूरत पड़ने पर एफडी को तोड़े बिना इस पर लोन लिया जा सकता है जिससे वित्तीय संकट के समय मदद मिलती है।
- कर लाभ – पांच साल की एफडी कराने पर इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत कर छूट का लाभ मिलता है।
एफडी कैसे खोलें
फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट खोलना बहुत आसान है। कोई भी व्यक्ति अपने नजदीकी बैंक शाखा में जाकर या ऑनलाइन बैंकिंग के माध्यम से एफडी अकाउंट खोल सकता है। इसके लिए जरूरी दस्तावेजों में आधार कार्ड, पैन कार्ड और बैंक पासबुक शामिल होते हैं। एफडी अकाउंट खोलते समय ब्याज दर और समय सीमा का चुनाव किया जा सकता है और इसके बाद बैंक एक एफडी रसीद जारी करता है जिसे सुरक्षित रखना चाहिए क्योंकि इसकी जरूरत मैच्योरिटी पर धन निकालते समय पड़ सकती है।
एफडी पर टैक्स का प्रावधान
एफडी पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगता है। अगर किसी व्यक्ति की वार्षिक ब्याज आय 50,000 रुपये से अधिक होती है तो बैंक स्रोत पर ही कर (टीडीएस) काट लेता है। हालांकि, अगर वरिष्ठ नागरिक की कुल आय कर योग्य नहीं है तो वह फॉर्म 15एच जमा करके टीडीएस कटौती से बच सकता है। यह फॉर्म हर वित्तीय वर्ष की शुरुआत में बैंक में जमा करना आवश्यक होता है।
कौन सा बैंक चुने
बैंक का चुनाव करते समय ब्याज दर, विश्वसनीयता और बैंकिंग सेवाओं की गुणवत्ता को ध्यान में रखना चाहिए। अगर कोई निवेशक अधिकतम रिटर्न चाहता है तो बैंक ऑफ बड़ौदा और एक्सिस बैंक अच्छे विकल्प हो सकते हैं। अगर सरकारी बैंक में निवेश करना चाहते हैं तो एसबीआई, पीएनबी और केनरा बैंक बेहतर विकल्प हो सकते हैं। निजी बैंकों में निवेश करने के इच्छुक लोगों के लिए एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक अच्छे विकल्प साबित हो सकते हैं।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट एक बेहतरीन निवेश विकल्प है जो न केवल सुरक्षित है बल्कि स्थिर और निश्चित आय भी प्रदान करता है। कई बैंक उच्च ब्याज दर ऑफर कर रहे हैं जिससे वरिष्ठ नागरिकों को अपने रिटायरमेंट के बाद एक अच्छी आय प्राप्त हो सकती है। निवेश करने से पहले अपने वित्तीय लक्ष्यों और जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सही बैंक और सही योजना का चुनाव करना बेहद जरूरी है ताकि रिटायरमेंट लाइफ को आर्थिक रूप से सुरक्षित बनाया जा सके।